आयुर्वेद में वर्णित दिनचर्या का संक्षिप्त परिचय
Ø ब्रह्ममुहूर्त में जागरण- सूर्योदय के दो घंटे पूर्व उठना चाहिए।
Ø मलोत्सर्ग- मल मूत्र के वेग को नही रोकना चाहिए।
Ø दंतधावन- दांतो की सफाई करना चाहिए।
Ø नस्य- अणुतैल की बूंद नाक में डालने से असमय वालो का झड़ना एवम सफेद होना तथा नेत्र एवम सिर के रोग नहीं होते।
Ø अभ्यंग (तेल मालिश)- त्वचा को मुलायन रखता हैं एवं रक्त संचार को बढ़ाता हैं।
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